Loan: कभी-कभी जिंदगी में ऐसी ज़रूरत आ जाती है जब फौरन पैसों की जरूरत होती है। शादी हो, मेडिकल इमरजेंसी, घर की मरम्मत या बच्चों की पढ़ाई — इन सब मौकों पर पर्सनल लोन एक आसान रास्ता लगता है। बैंक से पैसा भी जल्दी मिल जाता है और कोई गारंटी भी नहीं चाहिए होती। लेकिन यही आसानी कई बार भारी बोझ बन जाती है, अगर लोन लेते वक्त कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान न रखा जाए।
बहुत लोग बिना सोच-विचार बस EMI देखकर लोन ले लेते हैं। बाद में जब ब्याज, प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्जेस जुड़ते हैं, तो एहसास होता है कि असली रकम तो कहीं ज्यादा हो गई है। इसलिए अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो ज़रा रुकिए… पहले कुछ बातें दिल से समझ लीजिए।
सिर्फ EMI देखकर लोन लेना समझदारी नहीं होती
लोग अकसर EMI कम देखकर खुश हो जाते हैं। लेकिन EMI जितनी लंबी होगी, ब्याज उतना ज्यादा देना पड़ेगा। कई बार कम EMI का मतलब होता है ज्यादा ब्याज और लंबी अवधि। इसलिए EMI की बजाय आपको Total Repayment Amount देखना चाहिए — यानी आप कुल मिलाकर बैंक को कितना पैसा लौटा रहे हैं।
अगर लोन ₹3 लाख का है और आप कुल ₹4.5 लाख वापस कर रहे हैं, तो सोचना पड़ेगा कि क्या वाकई ये सही फैसला है। EMI से ज्यादा ज़रूरी है ब्याज दर और कुल भुगतान पर ध्यान देना।
प्रोसेसिंग फीस और Hidden Charges को न करें नजरअंदाज
लोन लेते वक्त सिर्फ ब्याज दर ही नहीं, बल्कि प्रोसेसिंग फीस, GST, फोरक्लोज़र चार्ज और लेट पेमेंट पेनाल्टी जैसी बातें भी पूछनी चाहिए। कई बैंक 1 से 2 प्रतिशत तक प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। इसका मतलब अगर आपने ₹5 लाख का लोन लिया है, तो ₹5,000 से ₹10,000 तक का अतिरिक्त खर्च बिना बताए जुड़ सकता है।
इन सब खर्चों को जोड़ने के बाद ही आपको समझ में आएगा कि आपकी जेब से असल में कितना पैसा जा रहा है। इसलिए लोन लेने से पहले हर चीज़ लिखवाना और समझना बहुत जरूरी है।
क्रेडिट स्कोर अच्छा हो तो फायदा भी ज्यादा मिलेगा
अगर आपका CIBIL Score या क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो बैंक आपको कम ब्याज दर पर लोन दे सकता है। लेकिन अगर स्कोर कम है, तो न सिर्फ लोन मिलना मुश्किल होगा, बल्कि ब्याज दर भी ज्यादा होगी।
इसलिए लोन लेने से पहले एक बार अपना स्कोर जरूर चेक करें। अगर स्कोर 750 या उससे ऊपर है, तो आपके पास अच्छा मौका होता है सस्ती दरों पर लोन पाने का। नहीं तो आप मजबूरी में महंगा लोन लेने पर मजबूर हो सकते हैं।
ज़रूरत से ज्यादा लोन लेना पड़ सकता है भारी
कई बार बैंक या ऐप आपको Eligibility से ज्यादा लोन देने का ऑफर देते हैं। मन में आता है कि चलो मौका है, ले ही लेते हैं। लेकिन यह लालच बाद में भारी पड़ सकता है।
आपको जितनी जरूरत है, उतना ही लोन लेना समझदारी होती है। क्योंकि जितना ज्यादा लोन, उतना ज्यादा ब्याज और उतनी ही ज्यादा EMI। जरूरत से ज्यादा पैसा हाथ में आना अच्छा लगता है, लेकिन चुकाते वक्त वह सिरदर्द बन सकता है।
निष्कर्ष
पर्सनल लोन आज के समय में सुविधाजनक विकल्प है, लेकिन यह तभी अच्छा है जब आप सही समझदारी से इसे लें। सिर्फ EMI देखकर न भागें, पूरी रकम, ब्याज, चार्जेस, क्रेडिट स्कोर और चुकाने की अपनी क्षमता को समझें। थोड़ा सोच-समझकर लोन लेंगे तो भविष्य में कोई बोझ नहीं बनेगा। लोन लेना गलत नहीं, लेकिन बिना सोच-विचार लिया गया लोन सही ज़िंदगी को भी मुश्किल बना सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप हर बात को साफ-साफ समझें और तभी फैसला लें।
Disclaimer: यह लेख केवल जागरूकता और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। पर्सनल लोन से जुड़ी शर्तें, ब्याज दरें और शुल्क अलग-अलग बैंक और व्यक्ति पर निर्भर करते हैं। लोन लेने से पहले संबंधित संस्था या बैंक से पूरी जानकारी लें। लेखक किसी भी वित्तीय नुकसान या निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।