chemicalhouse-whatsapp

Bharat Bandh: 9 जुलाई को भारत बंद! बैंक, पोस्ट ऑफिस और दफ्तरों पर पड़ेगा असर?

Bharat Bandh: अभी हाल ही में जब लोगों ने सुना कि 9 जुलाई को भारत बंद का ऐलान हुआ है, तो कई के मन में सवाल उठने लगे क्या उस दिन बैंक खुले रहेंगे? क्या ट्रेन और बसें चलेंगी? और ये हड़ताल क्यों हो रही है? दरअसल, मामला सिर्फ छुट्टी का नहीं, बल्कि देश की बड़ी यूनियनों की नाराज़गी और उनका विरोध है, जो अब सड़कों पर दिखने वाला है।

क्या है भारत बंद का कारण और किसने बुलाया है?

9 जुलाई को होने वाली यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल सिर्फ एक दिन का विरोध नहीं, बल्कि कई महीनों की तैयारी का नतीजा है। देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने इस बंद का आह्वान किया है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार की नीतियां मजदूरों, किसानों और आम जनता के हितों के खिलाफ हैं और कॉरपोरेट्स को फायदा पहुंचाने वाली हैं।

AITUC की महासचिव अमरजीत कौर ने PTI से बात करते हुए बताया कि इस बंद में करीब 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी और मजदूर भाग ले सकते हैं। यही नहीं, किसान संगठन और ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर भी इस विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रूप से शामिल होंगे।

इसे भी जरूर देखें: Oppo ने उड़ाए होश! 200MP कैमरा और 12GB रैम के साथ आया धांसू 5G स्मार्टफोन

Oppo ने उड़ाए होश! 200MP कैमरा और 12GB रैम के साथ आया धांसू 5G स्मार्टफोन

किन सेवाओं पर पड़ सकता है असर?

हड़ताल के चलते कई अहम सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। बैंकिंग से लेकर डाक विभाग तक, कई संस्थान इस बंद में हिस्सा ले सकते हैं। इसके अलावा, कोयला खनन, फैक्ट्री वर्कर्स और राज्य परिवहन सेवाओं पर भी असर देखने को मिल सकता है। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि कौन-कौन सी सेवाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी।

क्या हैं यूनियनों की मांगे और गुस्से की वजह?

इस विरोध के पीछे सिर्फ एक दिन की नाराजगी नहीं, बल्कि सालों की अनदेखी है। यूनियनें आरोप लगा रही हैं कि केंद्र सरकार ने उनकी 17 सूत्रीय मांगों को लगातार नजरअंदाज किया है। इन मांगों को पिछले साल श्रम मंत्री को सौंपा गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला।

इसे भी जरूर देखें: Oppo ने उड़ाए होश! 200MP कैमरा और 12GB रैम के साथ आया धांसू 5G स्मार्टफोन

Oppo ने उड़ाए होश! 200MP कैमरा और 12GB रैम के साथ आया धांसू 5G स्मार्टफोन

यूनियनों का कहना है कि सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए लेबर कोड मजदूरों के अधिकार छीनने का काम कर रहे हैं। इन कोड्स के ज़रिए सरकार यूनियनों की Collective Bargaining की ताकत को कमजोर कर रही है। साथ ही, काम के घंटे बढ़ाने, हड़ताल करने के अधिकार को सीमित करने और एम्प्लॉयर की जवाबदेही खत्म करने जैसे कदम उठाए गए हैं।

निजीकरण के खिलाफ भी उठ रही है आवाज

प्राइवेटाइजेशन का मुद्दा भी इस विरोध का बड़ा हिस्सा है। ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि सरकार लगातार पब्लिक सेक्टर कंपनियों और पब्लिक सर्विस को प्राइवेट हाथों में सौंप रही है। आउटसोर्सिंग, कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड नौकरी और टेम्परेरी वर्कफोर्स की नीति ने स्थायी रोजगार की सुरक्षा को खत्म कर दिया है।

इसे भी जरूर देखें: Bajaj Finance Personal Loan 2025: कैसे मिलेगा तेज़ और आसान लोन?

Bajaj Finance Personal Loan 2025: कैसे मिलेगा तेज़ और आसान लोन?

संयुक्त बयान में यह भी कहा गया है कि संसद द्वारा पारित चार लेबर कोड न केवल ट्रेड यूनियन मूवमेंट को कमजोर करने के लिए हैं, बल्कि ये श्रमिकों की बात रखने के हक को भी खत्म करने वाले हैं।

क्या यह पहली बार हो रहा है?

ऐसा नहीं है कि यह विरोध पहली बार हो रहा है। इससे पहले भी 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022 और 16 फरवरी 2023 को ऐसी ही देशव्यापी हड़तालें हुई थीं। लेकिन इस बार भागीदारी और विरोध दोनों का स्तर पहले से कहीं ज्यादा बड़ा बताया जा रहा है।

इसे भी जरूर देखें: Best Loan App: ये 5 लोन ऐप पर RBI भी करता हैं भरोसा, आसानी से मिल जाएगा 50,000 रुपये का लोन

Best Loan App: ये 5 लोन ऐप पर RBI भी करता हैं भरोसा, आसानी से मिल जाएगा 50,000 रुपये का लोन

Read also: ₹10,000 का स्मार्ट निवेश कैसे बना सकता है आपको करोड़पति – SIP Investment Plan

निष्कर्ष

9 जुलाई का दिन सिर्फ एक हड़ताल का दिन नहीं होगा, यह मजदूरों और कर्मचारियों की ताकत और उनके अधिकारों के लिए खड़ा होने का दिन बनने वाला है। अगर आप उस दिन कोई जरूरी काम की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ज़रूरी है कि पहले यह जान लें कि उस दिन आपके क्षेत्र में कौन-कौन सी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। मामला गंभीर है और इसकी गूंज सिर्फ सड़कों पर नहीं, सरकार तक भी पहुंचेगी।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सभी जानकारियां विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक बयानों पर आधारित हैं। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक सूचना स्रोतों से पुष्टि अवश्य करें।

Leave a Comment